ये जो रुतबा रुआब वाले है
ज़ुल्म ये मुर्गा शराब वाले है,
भूख की इनसे बात मत करना
ये तो काजू कबाब वाले है,
असल चेहरे छुपाए रखते है
सब के सब ही नक़ाब वाले है,
रब्त रिश्तो का ये कैसे समझेंगे ?
ये तो सब ताज़ा गुलाब वाले है,
वक़्त का लफ्ज़ लफ्ज़ जो पढ़ते है
वही ज़िन्दगी की क़िताब वाले है,
तीरगी उनको छू नहीं सकती
जो भी जहाँ में आफ़ताब वाले है..!!