मेहनत की बदौलत तक़दीर बदल सकता है…
मेहनत की बदौलत तक़दीर बदल सकता है इन्सान लकीरों का लिखा बदल सकता है, कठपुतलियाँ चलती है ऊँगलियों के इशारे मगर …
मेहनत की बदौलत तक़दीर बदल सकता है इन्सान लकीरों का लिखा बदल सकता है, कठपुतलियाँ चलती है ऊँगलियों के इशारे मगर …
आफ़ियत ज़ुल्म से और प्यार क़ज़ा से माँगा हम ने इंसाफ़ भी अर्बाब ए जफ़ा से माँगा, कर दिया ख़ुल्द के …
ताक़ते तुम्हारी है और ख़ुदा हमारा है अक्स पर न इतराओ आईना हमारा है, आपकी गुलामी का बोझ हम न ढोयेंगे …
चराग़ ए तूर जलाओ बड़ा अँधेरा है ज़रा नक़ाब उठाओ बड़ा अँधेरा है, अभी तो सुब्ह के माथे का रंग काला …
बना के भेजा था उस रब ने अपना तर्जुमान तुम्हे कि छोड़ के सब कुछ फक़त तुम इन्सान बनो, ये रुस्वाइयाँ …
एक तो ज़ालिम उसपे क़हर आँखे दिखा रहा है अंज़ाम ए बेहया शायद अब नज़दीक आ रहा है, गुजिस्तां कुछ वक़्त …
अगर चाहते हो तुम सदा मुस्कुराना कभी अपनी माँ का दिल न दुखाना, करो अपनी माँ की हमेशा गुलामी फिर …
चिड़ियाँ होती है बेटियाँ मगर पंख नहीं होते बेटियों के, मायके भी होते है,ससराल भी होते है मगर घर नहीं होते …
आगाह अपनी मौत से कोई बशर नहीं सामान सौ बरस के हैं कल की ख़बर नहीं, आ जाएँ रोब-ए-ग़ैर में हम …
कुछ इस तरह से इबादत खफ़ा हुई हमसे नमाज़ ए इश्क बहुत कम अदा हुई हमसे, गरीब आँखों में आंसू भी …