ख्याल ए यार में मुझको यूँ ही मदहोश रहने दो…

ख्याल ए यार में मुझको यूँ ही मदहोश रहने दो
न पूछो रात का क़िस्सा मुझे ख़ामोश रहने दो,

सुनाया वस्ल का क़िस्सा तो मेरे यार यूँ बोले
कहाँ तुम और कहाँ उसकी हसीं आगोश रहने दो,

मुझे मालूम है उसे मेरा होना नहीं लेकिन
मेरी उम्मीद मत तोड़ो, मुझे पुरजोश रहने दो,

मुहब्बत ज़ुर्म है मेरा, मुझे इक़रार है इसका
वफ़ा इल्ज़ाम है तो फिर यही अफ़सोस रहने दो,

ख्याल ए यार में मुझको यूँ ही मदहोश रहने दो
न पूछो रात का क़िस्सा मुझे ख़ामोश रहने दो..!!

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