सफ़र है धूप का इसमें क़याम थोड़ी है…
सफ़र है धूप का इसमें क़याम थोड़ी है बला है इश्क़, ये बच्चो का काम थोड़ी है, किसी को वस्ल है …
सफ़र है धूप का इसमें क़याम थोड़ी है बला है इश्क़, ये बच्चो का काम थोड़ी है, किसी को वस्ल है …
हर एक ख़्वाब की ताबीर थोड़ी होती है मोहब्बतों की ये तक़दीर थोड़ी होती है, कभी कभी तो जुदा बेसबब भी …
तमन्ना दिल में फिर से जगाने की कोशिश ना कर ऐ संगदिल तू फिर याद आने की कोशिश ना कर, मैं …
सता ले हमको दिलचस्पी जो है उनकी सताने में हमारा क्या वो हो जाएँगे रुस्वा ख़ुद ज़माने में, लड़ाएगी मेरी तदबीर …
ख्याल ए यार में मुझको यूँ ही मदहोश रहने दो न पूछो रात का क़िस्सा मुझे ख़ामोश रहने दो, सुनाया वस्ल …
ग़म का मौसम बीत गया सो रोना क्या ? कल के ग़म को आज के दिन में बोना क्या ? ठीक …
अगर हवा भी खुशबुओं के ख़िलाफ़ हो जाएगी ऐसे में तो फूलो की ज़िन्दगी बर्बाद हो जाएगी, सूरज भी तरसेगा उस …
क़ुबूल है ज़िन्दगी का हर तोहफ़ा मैंने ख्वाहिशो का नाम बताना छोड़ दिया, जो दिल के क़रीब है वो मेरे अजीज़ …
वो लोग मेरे बहुत प्यार करने वाले थे गुज़र गए हैं जो मौसम गुज़रने वाले थे, नई रुतों में दुखों के …
हर मुलाक़ात में लगते हैं वो बेगाने से फ़ायदा क्या है भला ऐसों के याराने से ? जो समझा तो मुझे …