वो ख़त के पुर्ज़े उड़ा रहा था…
वो ख़त के पुर्ज़े उड़ा रहा था हवाओं का रुख़ दिखा रहा था, बताऊँ कैसे वो बहता दरिया जब आ रहा …
वो ख़त के पुर्ज़े उड़ा रहा था हवाओं का रुख़ दिखा रहा था, बताऊँ कैसे वो बहता दरिया जब आ रहा …
तुझ को देखा है जो दरिया ने इधर आते हुए कुछ भँवर डूब गए पानी में चकराते हुए, हम ने तो …